पक्षी घोसलों में सो चुके हैं,

पक्षी घोसलों में सो चुके हैं,
काले बादलों में चाँद तारे छा गये हैं,
तू बंद कर हम आँखे लौरी गा रहे हैं,
तेरे मीठे स्वप्नों में हम वापस आ रहे हैं,
कह दे अब थकान को अलविदा,
तेरे लिए मलमल की चादर भिजवा रहे हैं।

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पलकों में कैद कुछ सपने हैं,