पक्षी घोसलों में सो चुके हैं,

पक्षी घोसलों में सो चुके हैं,
काले बादलों में चाँद तारे छा गये हैं,
तू बंद कर हम आँखे लौरी गा रहे हैं,
तेरे मीठे स्वप्नों में हम वापस आ रहे हैं,
कह दे अब थकान को अलविदा,
तेरे लिए मलमल की चादर भिजवा रहे हैं।

टिप्पणियाँ

पलकों में कैद कुछ सपने हैं,

दिल की गहराइयों से संदेश भेजा हैं इसे मुस्कान के साथ कुबूल फरमाईयें रात का हर तारा इंतजार कर रहा हैं उन्हें रात्रि का तौहफा देते जाइए शुभ रात्रि