तेरे बिना कैसे मेरी गुज़रेंगी ये रातें,
तेरे बिना कैसे मेरी गुज़रेंगी ये रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहोत लम्बी है ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल कर कटेंगी ये रातें.
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहोत लम्बी है ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल कर कटेंगी ये रातें.
शुभरात्रि दोस्तों !!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें