संदेश

अगस्त, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं

चित्र
ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं एक चाँद आसमा पैर हैं एक मेरे पास हैं देने वाले ने कोई कमी ना की किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात हैं “शुभ रात्रि “

चाँद भी तो देखो तुम्हें तक रहा हैं

चित्र
चाँद भी तो देखो तुम्हें तक रहा हैं  सितारे भी थमे थमे से लग रहे हैं  जरा मुस्कुरा दो हम सब के लिए  हम भी टू तुम्हें शुभ रात्रि कह रहें हैं  “ शुभ रात्रि “

हर रात मैं भी आपके पास उजाला हो

चित्र
हर रात मैं भी आपके पास उजाला हो  हर कोई आपका चाहने वाला हो  वक़्त गुजर जाये उनकी यादो के सहारे हो  ऐसा कोई आप के सपनो को सजाने वाला ho  “ शुभ रात्रि “

सितारे चाहते हैं की रात आये

चित्र
सितारे चाहते हैं की रात आये  हम क्या लिखें की आपका जवाब आये सितारों की चमक तो नहीं मुझ मैं हम क्या करें की हमारी याद आये “शुभ रात्रि “

देखा फिर तो रात याद आ गयी.

चित्र
देखा फिर तो रात याद आ गयी. गुड़ नाईट कहेने की बात याद आ गयी. हम बैठे थे सितारों कि पनाह में, जब चाँद को देखा तो आप कि याद आ गयी. शुभ रात्रि….

लेकर सितारों को ये रात आई है,

चित्र
लेकर सितारों को ये रात आई है, आँखों मे हज़ारों ख्वाब लाई है, इन ख्वाबों मे खो जाओ...! ऑफ करो लाइट और सो जाओ.  "*गुड~नाइट*" *स्वीट ड्रीम*

काश कि तु चाँद और मैं सितारा होता;

चित्र
काश कि तु चाँद और मैं सितारा होता ;  आसमान में एक आशियाना हमारा होता ;  लोग तुम्हे दूर से देखते ;  नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता। गुड नाईट 

आज कितने दिनों के बाद हुई ये बरसात हैं

चित्र
आज कितने दिनों के बाद हुई ये बरसात हैं याद दिलाती आपकी हर एक बात हैं मुझे मालूम हैं आपकी आँखों मैं हैं नींद आप चैन से सो जाओ कितनी हसीं रात हैं “शुभ रात्रि “