फिर हुई हलचल, फिर याद आई !

फिर हुई हलचल, फिर याद आई !
फिर निकला चाँद, फिर सुहानी रात आई !!
इस रात की गहराई में खो जाओ !
थोरा हमें याद करो, और आराम से सो जाओ !!

टिप्पणियाँ

पलकों में कैद कुछ सपने हैं,

दिल की गहराइयों से संदेश भेजा हैं इसे मुस्कान के साथ कुबूल फरमाईयें रात का हर तारा इंतजार कर रहा हैं उन्हें रात्रि का तौहफा देते जाइए शुभ रात्रि