साथ ना छूटे आप से कभी यह दुआ करता हूँ,

साथ ना छूटे आप से कभी यह दुआ करता हूँ,
हाथों में सदा आपका हाथ रहे बस यही फरियाद करता हूँ,
हो भी जाये अगर कभी दूरी हमारे दरमियान,
दिल से ना हों जुदा, रब्ब से यही इल्तिजा करता हूँ।
शुभ रात्रि...

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पलकों में कैद कुछ सपने हैं,