साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |

साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं ||

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पलकों में कैद कुछ सपने हैं,