नींद जब मुझे आघोष मैं लेती है,


नींद जब मुझे आघोष मैं लेती है,
आपका चेहरा निगाहूँ में बस जाता है,
एक दम से मेरी आँख खुल जाती है,
दिल से बे सखा ये आवाज़ आती है,
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अम्मी भूत"

टिप्पणियाँ

पलकों में कैद कुछ सपने हैं,