देखा फिर तो रात याद आ गयी.

देखा फिर तो रात याद आ गयी.
गुड़ नाईट कहेने की बात याद आ गयी.
हम बैठे थे सितारों कि पनाह में,
जब चाँद को देखा तो आप कि याद आ गयी.
शुभ रात्रि….

टिप्पणियाँ

पलकों में कैद कुछ सपने हैं,

दिल की गहराइयों से संदेश भेजा हैं इसे मुस्कान के साथ कुबूल फरमाईयें रात का हर तारा इंतजार कर रहा हैं उन्हें रात्रि का तौहफा देते जाइए शुभ रात्रि