ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं

ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं
एक चाँद आसमा पैर हैं एक मेरे पास हैं
देने वाले ने कोई कमी ना की
किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात हैं
“शुभ रात्रि “

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पलकों में कैद कुछ सपने हैं,

दिल की गहराइयों से संदेश भेजा हैं इसे मुस्कान के साथ कुबूल फरमाईयें रात का हर तारा इंतजार कर रहा हैं उन्हें रात्रि का तौहफा देते जाइए शुभ रात्रि